Praveshika Pratham Syllabus – 2nd Exam

अखिल भारतीय गंधर्व महाविद्यालय Praveshika Pratham Syllabus प्रथम वर्ष प्रवेशिका के लिए आवश्यक तैयारी । गायन  / वादन-पूर्णांक -75 अंक । 

शास्त्र 
1 – निम्नलिखित शब्दों की संक्षिप्त परिभाषाएँ: संगीत, ध्वनि, ध्वनि, स्वर, शुद्ध स्वर, विकृत स्वर (कोमल / तीव्र ) वर्जित स्वर , सप्तक, मेल, अलंकार , राग, जाति (औडव, षाड़व ,संपूर्ण) वादी, संवादी, पकड़ , आलाप, तान, स्वरमालिका (सरगम गीत) लक्षण  गीत, स्थायी अंतरा, लय (विलंबित, मध्य, द्रुत ) मात्रा, ताल, विभाग, सम , खाली, दुगुन, ठेका, निषिद्ध स्वर ,आवर्तन (रोटेशन)। इन सभी निश्चित शब्दों का वर्णन पाठ्यक्रम के राग और ताल के उदाहरण से स्पष्ट हो जाना चाहिए।

2-पाठ्यक्रम के रागों का शास्त्रीय ज्ञान : रागों के अंतर्गत स्वर, आरोही और अवरोही,पकड़  मुख्य – स्वर समुदाय , काल, जाति,वादी, संवादी , जाति, वर्जित व्स्वर  का ज्ञान आदि।

3-स्वर संकेतों का प्रारंभिक ज्ञान।

क्रियात्मक  
स्वर ज्ञान

सात शुद्ध स्वरों को गाना / बजाना, कोमल, तीव्र (विकृत) स्वरों को पहचानना और राग स्वरों की सहायता से उनकी पहचान करना।
निम्नलिखित शुद्ध स्वरों के पाँच सरल अलंकार विलम्बित और मध्यम लय में बजाना और प्रत्येक अलंकार को पाठ्यक्रम  के किसी एक राग में प्रयोग करना।

1 – सरे, रेगे, गम,……सानी, नीध , धप
2 – सरेस, रेगरे ,, गमग ,…… सनिसा,

3 – सरेगसरेगम , रेगमरेगमप,…… सनीधसनीधप , नीधापनिधपम (रूपक लय में)
4 – सागरेसा, रेमगरे , गपमग,…… साधनाीसा, नीपधनी धमपध (तीन तालों में)
5 – साम, रेप , गधा…… सांप नीम धाग।

राग ज्ञान 
1-यमन, कफी, खमाज, भीमपलासी, बागश्री, भूपाली, देस, दुर्गा।
इन सभी रागों का आरोह, अवरोह और प्रारंभिक आलाप/स्वर विस्तार।
2-प्रत्येक राग में मध्य ताल का एक गीत और गत ।
3- बंदिश, गत/आलाप, स्वर विस्तार, तान या टूडू सहित किन्हीं छह रागों में पांच मिनट के लिए गाने/बजाने की तैयारी।
4- झपताल या रूपक ताल या एकताल में एक गीत, दो सरगम ​​गीत और दो लक्षण  गीत, एक ध्रुपद (दुगुन सहित) एक भजन, इस तरह से पाठ्यक्रम के रागों में सात अतिरिक्त गीतों का प्रदर्शन किया जाना चाहिए। वादन के विद्यार्थियों के लिए त्रिताल के अलावा अन्य तालों में दो रचनाएँ और एक धुन  वाद्यनुकूल अलंकार  विशिष्ट बोलों सहित किए जाने चाहिए ।
5 – राग को मुख्य स्वरों  से पहचानना।
6- राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम” और “जनगणमन” गाना-बजाना आवश्यक है।
7-ताल ज्ञान – एकताल, झपता ल, चारताल का ज्ञान और ताली बजाकर बोलने का अभ्यास आना चाहिए ।

परीक्षा प्रारूप 
प्रवेशिका प्रथम:
कुल अंक: 75

यह एक मौखिक परीक्षा है। इस स्तर पर प्रत्येक छात्र के लिए 15 मिनट का समय होता है ।  कोई लिखित परीक्षा नहीं होती है। प्रत्येक छात्र की परीक्षा दूसरों से अलग होती है। प्रत्येक पंक्ति से, अलग-अलग राग के बारे में प्रश्न पूछे जाएंगे, इसलिए पूरे पाठ्यक्रम को कवर किया गया है। केवल समर्थन के लिए हारमोनियम का उपयोग (Sa, Pa/Ma)। पसंद का पूरा राग गाते समय हारमोनियम संगत की अनुमति है।

परीक्षा: मौखिक- अंक

परीक्षक की पसंद के राग के लिए आलाप और तान के साथ एक बंदिश गाएं………….. 8

परीक्षक की पसंद के दूसरे राग के लिए एक बंदिश और तीन आलाप या पांच तान गाएं…… 7

मूल नोट्स में एक अलंकार और एक राग में एक अलंकार….. 6

ध्रुपद सिंगल और डबल टेम्पो में…………………………………..5

तीनताल के अलावा दूसरी किसी ताल में  बंदिश……………………….. 5

निम्नलिखित में से कोई तीन गीत: लक्षण गीत , भजन, सारेगामा गीत, वंदे मातरम, जन गण मन……………………. 12

रागों को पहचानें तीन राग ……………….

स्वरों को पहचानें…….. दो समूह उदाहरण: सारेगा, पध नी, गामापा, मापनी……. 6

दो तालों के बारे में जानकारी और ठेका (या बोल) के बारे में जानकारी हाथ और उंगली के आंदोलनों के साथ दिखाते समय………….. 5

एक राग की जानकारी …………5

एक रचना प्रकार या स्वरलिपि प्रकार (नोटेशन) के बारे में जानकारी….. 4

तीन परिभाषाएं …………6

कुल अंक 75

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